प्रियतम मेरा चाँद है ,सागर का किनारा है
उसकी यादो को सीने से लगाया है संवारा है
फूलो सा स्पर्श है,प्रियतम ह्रदय का हर्ष है
प्रियतम बिन यह दिल पागल है आवारा है
ठहर हुई हवाए है सताती उसकी याद है
सोचता हूँ सुन ले वह दिल की फरियाद है
समाई है वह साँसों में और अहसासों में
वह बनी आँखों की नींद ,जीवन का स्वाद है
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