थोड़ी सी भी छांव नही ,घर मे नही सकून
लथ पथ लथ पथ देह हुई महीना है मई जून
चलते चलते उठा गिरा , बेबस एक इंसान
अपने घर कब जाएगा मेरा हिंदुस्तान
बच्चे आँसू पोंछ रहे ,पूंछे एक सवाल
कोरोना क्या भूत रहा? जो खाली चौपाल
शव इतने कि गिने नही , कैसा है यह रोग
दूर से ही तुम नमन करो , दूर से पावाधोग
मार्मिक रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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