मंगलवार, 19 मई 2020

मेरा हिंदुस्तान

थोड़ी सी भी छांव नही ,घर मे नही सकून
लथ पथ लथ पथ देह हुई महीना है मई जून

चलते चलते उठा  गिरा , बेबस एक इंसान
अपने घर कब जाएगा मेरा हिंदुस्तान

बच्चे आँसू पोंछ रहे ,पूंछे एक सवाल
कोरोना क्या भूत रहा? जो खाली चौपाल

शव इतने कि गिने नही , कैसा है यह रोग
दूर से ही तुम नमन करो , दूर से पावाधोग

2 टिप्‍पणियां:

छंदों पर प्रतिबंध है

खुली नहीं खिड़की  दरवाजे बन्द है  जीवन में बाधाएं  किसको पसन्द है कालिख पुते चेहरे हुए अब गहरे है  गद्य हुए मुखरित छंदों पर प्रतिबंध है मिली...