चिंगारी के बिना उजाले ने यह दुनिया हारी है
बदल जाते है भाग जब होती सीने में आग है
हारी सदा ही खुदगर्जी जीत जाती खुद्दारी है
दीपक मन की पीर हरे हर ले असत तिमिर रोशन वह ईमान करे मजबूत करे जमीर पग पग पर संघर्ष करे सत्य करे न शोर वह मांगे कुछ और नहीं मांगे मन की भो...
उम्दा
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