मंगलवार, 29 सितंबर 2020

कहा गई मुस्कान

जीवन मे कही मान मिला ,मिला कही अपमान 
मन की खुशियां कहा गई ,कहा गई मुस्कान

अपने थे जो चले गये ,कहा है अपनापन
रस जीवन मे नही बचा, खोया है बचपन

जिसके मन मे स्नेह नही ,वहा नहीं भगवान
जो होता है तरल हृदय ,वह सबसे धनवान

एक प्यारी सी याद रही यादो के बीज
प्यारा था जो नही रहा रह गया है नाचीज़

कहा पे सच्चा प्यार रहा, निश्छल सी मुस्कान
मासूम बचपन सिसक रहा ,जीवन है श्मसान

2 टिप्‍पणियां:

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज