काल का घोडा सरपट दौडा
सुख का दामन हमने छोडा
हर मुश्किल आसान हो गई
जब कर्मो से नाता जोडा
नियति ने की यूँ मनमानी
बना समन्दर जल था थोडा
बना समन्दर जल था थोडा
तिनका तिनका जोड-जोड कर
सुख सपनों का घर है जोडा
नही फलीभूत हुई बेईमानी
दुष्कर्मो पर पडा हथौडा
व्यथा ह्रदय की कैसे बोले ,
सुनी है जिसने हाथ मरौडा
दुर्जन दल के गठबन्धन थे
सत के पथ पर बन गये रोडा
थी कैसी उनकी नादानी
हुए शर्म से पानी पानी
जान निकल गई दिल है तोडा
दे गये गम थे तन्हा छोडा
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