Srijan
बुधवार, 21 दिसंबर 2011
मतदाता जागरुक का कितना कठिन सवाल
नेताजी कर पायेगे पारित जन- लोक पाल
पारित जन लोक पाल नही,फिर क्यो करत धमाल
सी,बी,आई ,लेट करे,जांच और पड़ताल
अन्ना जी भी छोड रहे अब दिल्ली का छोर
जड़ो से जुड़ता जनमत है,चले जड़ो की और
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आई याद मां की
सखिया करती हास ठिठौली
जिव्हा खोली कविता बोली कानो में मिश्री है घोली जीवन का सूनापन हरती भाव भरी शब्दो की टोली प्यार भरी भाषाए बोले जो भी मन...
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