मतदाता जागरुक का कितना कठिन सवाल
नेताजी कर पायेगे पारित जन- लोक पाल
पारित जन लोक पाल नही,फिर क्यो करत धमाल
सी,बी,आई ,लेट करे,जांच और पड़ताल
अन्ना जी भी छोड रहे अब दिल्ली का छोर
जड़ो से जुड़ता जनमत है,चले जड़ो की और
करुणा और क्रंदन के गीत यहां आए है सिसकती हुई सांसे है रुदन करती मांए है दुल्हन की मेहंदी तक अभी तक सूख न पाई क्षत विक्षत लाशों में अपन...
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