मतदाता जागरुक का कितना कठिन सवाल
नेताजी कर पायेगे पारित जन- लोक पाल
पारित जन लोक पाल नही,फिर क्यो करत धमाल
सी,बी,आई ,लेट करे,जांच और पड़ताल
अन्ना जी भी छोड रहे अब दिल्ली का छोर
जड़ो से जुड़ता जनमत है,चले जड़ो की और
कुल्हड़ की वह चाय नहीं है मैथी का न साग चूल्हे में वह आग नहीं कंडे की न राख माटी की सुगन्ध है बिछड़ी कहा गई वह प्यारी खिचड़ी जितने भी ...
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