जीवन सारा बदल गया ,बदल गया व्यवहार
राम राम तो कहा नही ,कह गये नमस्कार
जन जन रहते राम यहाँ, दीन हृदय श्रीराम
शबरी केवट धाम गये ,राम कर्म निष्काम
आई जब नव रात नई, हो गए पावन क्षैत्र
कोरोना का रोग मिटे , तिमिर हटे इस चैत्र
निज हृदय सदभावना , सौम्य हृदय श्रीराम
जन जन तन मन स्वस्थ रहे, सुख के पाये धाम
मर्यादित हो आचरण ,पुरुषोत्तम श्रीराम
भक्ति निश्छल बनी रहे , शक्ति का सम्मान
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