रविवार, 5 अप्रैल 2020

अहिंसा में बल

कोरोना यदि जीत गया ,होगी हर दम मौत
यम नियम के दीप जला , संयम की जीत होत

जप तप का बल जिसे मिला ,हो जाता वह धीर
सचमुच में योध्दा वही  ,सचमुच में शूरवीर

मत जग मे तू आग लगा, करुणा कर हर पल
महावीर और बुध्द कहे, अहिंसा में बल

महावीर तो चले गए ,देकर यह उपदेश 
संतोषी ही सुखी रहे ,सज्जन को न क्लेश

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज