भींगे हुए सपनो ने
ओढ़ी रजाई है
बीती हुई यादों की
तस्वीर सजाई है
सोई हुई रातो ने
निदिया लगाई है
गीतों की ये धुन है
जुगनू की रुन झुन है
सीने में धड़कन है
तेरी परछाई है
उगता हुआ सूरज है
डूबता हुआ तारा है
सींचा गया उपवन
अब कांटो से हारा है
खुशियों की लालिमा
किसने चुराई है
लूटी हुई बस्ती है
बिखरा अंधियारा है
सुन्दर
जवाब देंहटाएंप्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद सर
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