Srijan
रविवार, 25 जून 2023
सपनों में कर्मो की
पसीना है गंगा जल
जब किसने बहाया हैं
मेहनत से शोहरत का
सूरज उग पाया हैं
सपनों मे कर्मों की
रहती जहा गीता है
मस्तक वह पिता के
चरणों में झुक पाया है
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