Srijan
रविवार, 25 जून 2023
साज और श्रृंगार है
खन खनाती चूड़ियों में
साज है श्रृंगार है
बज रही पायल जहा पर
सुर अपरम्पार है
आंख में लज्जा पानी
बिंदिया लगती सुहानी
स्वर जब कोमल मधुर हो
स्वर्ग यह संसार हैं
1 टिप्पणी:
जिज्ञासा सिंह
26 जून 2023 को 6:42 pm बजे
सच मीठी वाणी का कोई मोल नहीं।
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