गुरुवार, 29 जून 2023

मंज़िल ही पास आती



कुछ  करने  अभिलाषा  जिसके है  पास 
सुख  दुख  की  चिंता  न  होता  उल्लास 
धरता  है  प्राणों  में  धीरज  का  बीज़ 
उड़  जाये  जीवन  मे  चाहे  उपहास 

कर्मों  का  योगी  है  बिल्कुल  गुमनाम 
पद  यश  की  आशा  न होता  निष्काम 
भगता न  वह  पथ  से कर्मों का  वीर 
मंजिल  ही  पास  आती  उसके  ही  धाम




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

होते भगवान

जीवन में  खुश  रहना  रखना  मुस्कान  सच मुच  में  कर्मों  से  होतीं की  पहचान  हृदय में रख लेना   करुणा  और  पीर  करुणा  में  मानवता होते  भग...