बुधवार, 9 अक्टूबर 2024

माँ सज्जन का धीर



भक्ति माँ  की सौम्य रही 
माँ  सज्जन  का  धीर
वृत्त  से  शक्ति नहीं  मिली 
मर  मर  गया  शरीर 
 

जो  सच्चा  और  नेक  रहा 
अच्छा  एक  इन्सान 
माँ  का  मन्दिर वहीं रहा 
वहीं  रहे  भगवान

जितना  मैला चित्त  हुआ  
भटका उतना  ध्यान 
खुद मे  से  तू  दोष  भगा 
माता  का  आह्वान 




1 टिप्पणी:

छंदों पर प्रतिबंध है

खुली नहीं खिड़की  दरवाजे बन्द है  जीवन में बाधाएं  किसको पसन्द है कालिख पुते चेहरे हुए अब गहरे है  गद्य हुए मुखरित छंदों पर प्रतिबंध है मिली...