भक्ति माँ की सौम्य रही
माँ सज्जन का धीर
वृत्त से शक्ति नहीं मिली
मर मर गया शरीर
जो सच्चा और नेक रहा
अच्छा एक इन्सान
माँ का मन्दिर वहीं रहा
वहीं रहे भगवान
जितना मैला चित्त हुआ
भटका उतना ध्यान
खुद मे से तू दोष भगा
माता का आह्वान
सुंदर बोध देते शब्द
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