मंगलवार, 1 सितंबर 2020

साथी है बेईमान

मुश्किल जो है राह मिली सौ योजन या कोस
तुझसे तेरा छीन गया उसका क्या ?अफसोस

भोला सा इंसान रहा इक भोली सी बात
जिसके कोई साथ नही उसके भोलेनाथ

किस्मत से न लक्ष्य मिले बन तू क्षमतावान
अक्षम करता है सिकवा सक्षम का भगवान

सज्जन के साथ रहा ईश्वर का वरदान
तेरा कोई दोष नही  साथी है बेईमान

2 टिप्‍पणियां:

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज