सम्वेदना का भाव भरा
खरा रहा इन्सान
जीवित जो आदर्श रखे
पूरे हो अरमान
जो पीकर मदमस्त हुआ
हुआ व्यर्थ बदनाम
बाधाएँ हर और खड़ी
जीवन मे अपमान
टपका जिसका स्वेद नहीं
उसका न संसार
जीवन हैं कोई रेत नहीं
जीवन का कुछ सार
करुणा और क्रंदन के गीत यहां आए है सिसकती हुई सांसे है रुदन करती मांए है दुल्हन की मेहंदी तक अभी तक सूख न पाई क्षत विक्षत लाशों में अपन...
सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद महोदय
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
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