तू अपने सत्कर्मो से , खुद को बना महान
धन नही सुखी हुआ, दुख सुविधा के संग
दुविधा में भी सुखी रहे , उसके संग उमंग
जब भी उनके होठ रही , प्यारी सी मुस्कान
प्यारी प्यारी रही जिंदगी, हर मुश्किल आसान
जीना तो मुश्किल हुआ, मरना है आसान
जी जी करके रोज मरा , दुनिया मे इन्सान
अपनो से वे छले गये, मिले चोर ही चोर
आँसू थे जो सूख गये, ऐसा कैसा दौर
उनकी अपनी सोच रही , उनके रहे विचार
तू ही अपना भाग्य बना, कर सपने साकार
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