यादे होती मित्र सहेली, यादे से पागल
यादो में है एक खिलौना यादो में है खेल
दिखती सुन्दर नई हवेली, आँगन में थी बेल
यादे होती एक बिछौना खोया एक रुमाल
जितनी सुन्दर याद रही , उतने बीते साल
यादो में पीर पराई , पर पीड़ा पहचान
जितना जीवन जी पाया , उतनी रख मुस्कान
जितने सुन्दर बोल रहे ,उतनी सुन्दर याद
खुद के अन्दर झांको तो , होगा न बरबाद
यादो में है एक कहानी , यादो में बचपन
यादो में है शौख जवानी , यादो में पचपन
यादे होती एक पहेली , यादो से सूझ बूझ
जब तक दिल मे याद रही , होती है महफूज
जब तक दिल मे याद रही ,तब तक है सम्वाद
उनको जब कुछ याद नही, रिश्ते है बरबाद
यादो को वो भूल रहे, भूल रहे इतिहास
यादो में जब दिखी रोशनी , हुआ पुष्ट विश्वास
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