बुधवार, 9 जून 2021

चहकी न कोयल

जीवन मे मकरन्द नही 
कहा गये वो शौक
सृजन से तू स्वर्ग बना 
कोरोना को रोक
 चिड़िया रानी लुप्त हुई 
चहकी न कोयल
फल के मिलते पेड़ नही 
फूटी नही कोपल
उड़ते खग नभ संग रहे 
करते रहे विचार 
नभ तक क्यो विस्तीर्ण हुए
ये बिजली के तार


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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज