सोमवार, 21 दिसंबर 2020

लिफ्ट हुये अरमान

ऊँचे शॉपिंग माल रहे, ऊँची रही दुकान
ऊंचाई में शिफ्ट हुये ,लिफ्ट हुए अरमान

रिश्ते थे जो बिके नही, हे मेरे सरकार
दिल से दिल तक जुड़े रहे, अंतर्मन के तार

बहरे होकर मौन हुए, रहे स्वार्थ के भाव
गहराई की और चलो, गहरा हो स्वभाव


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आँगन का दीपक

जहा दिव्य हैं ज्ञान  नहीं  रहा  वहा  अभिमान  दीपक गुणगान  करो  करो  दिव्यता  पान  उजियारे  का  दान  करो  दीपक  बन  अभियान  दीपो ...