वह जलती हुई आग
होता क्यो है भग्न हृदय
सच से रख अनुराग
हर पल सारे मूल्य गिरे
सम्मुख दिखता काल
महामारी से देश घिरा
फिर भी है हड़ताल
सत के पथ पर कौन रहा
इस युग मे महाराज
जिसने जितने मंत्र जपे
उसमे उतने राज
जब संकट मे देश रहा
चले गये परदेश
कोरोना में लौट रहे
वापस अपने देश
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