औरों से वे पूछ रहे
कहा है अपना गेह
भूले भोले भाव यहां
भूल गए है स्नेह
हर पल ही तुम खुश रहो
चाहे जो हो हाल
जीवन से सब कष्ट मिटे
सुलझे सभी सवाल
जीवन में जो दुख रहा
उसका भी है हल
दीपक सी तू ज्योत जला
दीपक से ले बल
अब तक दुर्दिन गए नहीं
होता रहा बवाल
षड्यंत्रों की भेट चढ़े
अपने सभी सवाल
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