जो मर कर भी अमर हुआ , उसका आँगन लीप
महके दीप उजियार यहाँ, चहके खग कलरव
बारूद में मत आग लगा, दीप उत्सव अभिनव
महका हर घर द्वार रहा , चहके खग दल व्योम
दीपोत्सव का सार यही, हो पुलकित हर रोम
जगमग जगमग दीप्त हुआ , दीपो का त्यौहार
दीपो की बारात चली , डोली लिये कहार
मंगलमय हो दीप पर्व।
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