यादो में से झांक रहे खेत गाँव खलिहान
यादे छुक छुक रेल रही , यादे नैरोगेज
यादो में है कैद रही , बाबू जी की मेज
यादो में चल चित्र रहे , याद रहे कुछ मित्र
यादो में है महक रहे, खुशबू चन्दन इत्र
यादो में गुलजार रहा , अपनापन और प्यार
यादो में है दाद मिली , कविता का संसार
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 21 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 22 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना।
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