मंगलवार, 24 नवंबर 2020

गुरु ऊर्जा प्रचण्ड

गुरु चरणों मे धूल नही, गुरु चरणों मे रज
गुरु पिता और मात रहे, गुरु होते अग्रज

गुरु हाथो में फूल नही, होता हर पल दण्ड
गुरु के मानस पुत्र रहे, गुरु ऊर्जा प्रचण्ड

गुरु आस्था में ओज रहा, गुरु दे आशीष रोज
 गुरु शिक्षा और ज्ञान रहे, गुरु होते है खोज

गुरु अंतर्मन ध्यान रहे, गुरु पावन है ज्ञान 
गुरु जी करुणा सींच रहे, हम सिंचित उद्यान

1 टिप्पणी:

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज