समंदर के अन्दर है
कितने शिवाले
रहे रत्न सारे
है उसने सम्हाले
समन्दर से अमृत
समंदर बनो तुम
है अपने भीतर यह
कई राज पाले
समंदर में नदिया
समंदर में सदिया
समंदर में पाई है
सुन्दर सी बगिया
कही इसके भीतर
है हालात बदतर
है इसमें समाई
जीवन की बतिया
दुखी है समंदर
दुखी है किनारा
दुखी हुई धरती
और जंगल सारा
दुखी हो के बादल
बरसाता है जल
दुखी ही बना है
दुखी का सहारा
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