रविवार, 9 फ़रवरी 2025

कहा हम तलाशे


वहीं रही करवट 
वहीं रही सांसे
अपनो के सपनों को 
कहा हम तलाशे
है मंदिर के अब तक 
खुले नहीं पट है
तीर्थों पे प्रवचन 
कथा में तमाशे

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दुनिया थमी है

सरकता गगन है खिसकती जमीं है कही आग दरिया कही कुछ नमी है  कही नहीं दिखती  वह ईश्वरीय सत्ता  पर उसी सहारे यह दुनिया थमी है