सोमवार, 19 अक्तूबर 2020

गहरे काले केश

माँ से सच्ची बात करो अच्छा सा व्यवहार 
माँ से सुधरे शुक्र शनि ग्रहों का परिवार

माता जी सब कष्ट हरो ,हम तो है परदेश
तुम इतनी क्यो श्याम रही, गहरे काले केश

माता जी से शौर्य मिला , पाये दिव्य विचार 
माता बुध्दि देत रही , दे बुध्दि को धार

मुश्किल से है जुड़ पाती , मन से मन की डोर
माँ से मन प्रसन्न हुआ,  माँ से मन विभोर

माता मीठी बात करे  माँ निर्मल स्वभाव
माँ पिघली और मोम हुई समझी है हर भाव

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज