शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

ईश देता आशिष

जब न किसका साथ मिला, ईश है तेरे साथ
ईश करता है पथ को रोशन ,दिन हो चाहे रात

तू अपना एक दीप जला, पथ होगा जग मग 
पथ पर पग बढ़ जायेगे ,मत होना डग मग

उठता उसका ही जीवन है, जो करता कोशिश
ईश देता है साथ रहा ,ईश देता आशीष

रिश्तो से है भाग्य जगा ,रिश्तो से है जोश 
रिश्तो में हो नई ताज़गी ,रिश्ते हो निर्दोष

2 टिप्‍पणियां:

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज