शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2020

दिखे न खुद के छेद

जीवन अपना धन्य करो ,कर लेना कुछ काम
जीवन मे विश्राम नही , जप लेना प्रभु राम

जब तब मिथ्या बोल रहा, झूठ न कर प्रतिवाद
बक बक से है नही मिला, माँ का आशीर्वाद

ये आंखे जो बोल रही , खोल रही है भेद 
दूजे के ही दोष दिखे, ,दिखे न खुद के छेद

दुर्जन से वह दूर रहे , सज्जन के नजदीक 
माँ दुर्गा की नीति यही , सत का पथ ही ठीक

सबके हित का ध्यान रखे , सज्जन को प्रश्रय
माता का तो भक्त रहा, सच्चा संत हृदय

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आँगन का दीपक

जहा दिव्य हैं ज्ञान  नहीं  रहा  वहा  अभिमान  दीपक गुणगान  करो  करो  दिव्यता  पान  उजियारे  का  दान  करो  दीपक  बन  अभियान  दीपो ...