रविवार, 25 अक्तूबर 2020

रावण क्रुध्द विचार

रावण कोई देह नही , रावण क्रुध्द विचार
रावण से जब युद्ध हुआ, गया राम से हार

रावण से संघर्ष हुआ, जीत गये है राम 
रावण घृणित कृत्य करे , लोभ क्रोध औ काम

रामायण इतिहास रहा, राम कथा को सुन 
होता कोई शूद्र नही , शबरी में सब गुण

भक्ति के नव रूप रहे,नव दुर्गा के धाम 
नवमी पर है राम मिले, दर्शन है अभिराम

खुद से ही संघर्ष करो,खुद में रावण राम
खुद से ही अब शुरू हुए , जीवन के संग्राम

राम सतो गुण भाव रहा, राम रहे अवतार
रामायण है चाल चलन , अपनी चाल सुधार

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज