माँ दुर्गा का भक्त वही , जो रहे सदा निर्भय
सबसे ही सम्वाद करे , करे न वाद विवाद
सबका ही वह प्रिय रहा, लेता सुख का स्वाद
माँ बहनों का मान रखे करे नही अपमान
सपने उनके सजे रहे , बचे रहे अरमान
जीवित मां का मान रहे , माता को मत तज
माता को जो छोड़ रहा ,होता जो निर्लज्ज
जीवन भर खूब कान किया , भज लेना अब ईश
जो भव में ही रमा रहा , मिले नही जगदीश
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