बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

वह कोरा है झूठ

दिखता नही सत्य सनातन ,दिखते केवल ठूठ
तू जिसको है जान रहा ,वह कोरा है झूठ

सत्कर्मो से स्वर्ग मिलेगा ,कर ले अच्छे काम
मृत्यु तो है सत्य सनातन, जीवन है संग्राम

नैतिकता तो चली गई, अब नैतिक है पाठ
उपदेशो में रही सादगी ,महाराजा से ठाट

विचलित होता चित्त रहा, चिंतित है महाराज
छुप कर बैठे पाप कर्म है ,गहरे गहरे राज

2 टिप्‍पणियां:

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज