माँ मोहक मुस्कान रही माँ अमृत का घूँट
माँ वत्सलता बाँट रही लूट सके तो लूट
माँ उर्जा में ज्योत रही ,माँ शिक्षक स्कूल
माँ का संग हर बार मिला माता पल अनुकूल
माँ शेरो पर सैर करे, होकर के निर्भीक
माँ सज्जन की पीर करे हर पल स्वाभाविक
माता जड़ और मूल रही माँ अंकुरित बीज
माता का सत्कार करो ,दुख न दो हरगिज
जब भी माता साथ रही मिलती है हर चीज
माता तिथि दूज रही , माँ होती है तीज
शक्ति देती साथ रहे , भक्ति दे सम्बल
माता का कर माथ रहे ,ममता दे हर पल
वाह
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