गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

होते है संकेत

दिखता किसको ध्येय यहा ,ध्येय रहा अज्ञेय
योगी के ही साथ रहे ,जीवन के सब श्रेय

नयनो से है बात हुई ,नयनो से जज्बात 
जो नयनो से शून्य रहा, दिन भी उसके रात

दिल से दिल तक बात बढ़ी ,होते है संकेत
प्रियतम रास्ता देख रही , है नयनो में भेद

रोगों का आतंक रहा ,कोरोना एक रोग 
कोरोना के साथ गया , लोगो का भय शोक

नयनो में विश्वास रहा ,नयनो में एक आस
नयनो से है लुका छिपी  ,कुछ नयनो के दास

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज