खुद को ही वे धन्य कहे, दूजे को दे दोष
रामायण में राम रहे ,गीता में भगवान
ग्रंथो में कुछ मर्म रहा, उसको ले पहचान
दूब पर अब है ओंस ,पड़ी ठंडी हुई बयार
पंछी चहके खुले नयन, पैदल चलो सवार
सुबह से स्पर्श मिला, सूरज दे रफ्तार
अंधियारे को दूर करे उग उग के हर बार
जिससे सबको प्यार मिला ,पाया धन संसार
सिंह वाहिनी मां अम्बे , सुन ले मेरी पुकार
रिश्ते होते प्यार भरे ,रिश्ते है अनमोल
रिश्ते दिल के दर्द हरे, मीठे मीठे बोल
सुन्दर
जवाब देंहटाएंआभार सतत प्रतिक्रिया के लिए
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