शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

वन अच्छे लगते है

वृक्ष की छांव और घने वन अच्छे लगते है 
अंकुरित बीज जड़ तने सीधे सच्चे लगते है 
बना लो राहे और पगडंडिया कितनी भी 
घनी छाया के बिन सारे रास्ते कच्चे लगते है 

1 टिप्पणी:


  1. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    11/10/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......


    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज