गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

माँ से हो सम्वाद

माता सच के साथ रहे 
सचमुच दे सम्बल
सच से मिलता जोश रहा 
सच का पथ उज्ज्वल

सत के रथ पर कृष्ण रहे 
सत के पथ पर राम
जो सच के है साथ रहा 
सुधरे उसके काम

झूठ के होते पैर नही 
झूठ से ईर्ष्या बैर 
झूठ तो पकड़ा जायेगा 
अब तब देर सवेर

सत्कर्मो से पुण्य मिला 
मिला हैं आशीर्वाद
माँ को तुम प्रसन्न रखो 
 माँ से हो सम्वाद

2 टिप्‍पणियां:

न बिकती हर चीज

लज्जा का आभूषण करुणा  के बीज कौशल्या सी नारी तिथियों मे तीज  ह्रदय मे वत्सलता  गुणीयों का रत्न   नियति भी लिखती है  न बिकती हर चीज